अनेकसंशयोचà¥à¤›à¥‡à¤¦à¤¿, परोकà¥à¤·à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¸à¥à¤¯ दरà¥à¤¶à¤•à¤®à¥à¥¤
सरà¥à¤µà¤¸à¥à¤¯ लोचनं शासà¥à¤¤à¥à¤°à¤‚, यसà¥à¤¯ नासà¥à¤¤à¤¿ अनà¥à¤§à¥ˆà¤µ सः॥
(अनेक संशयो को दूर à¤à¤—ाता है, जो सरà¥à¤µà¤µà¤¿à¤¦à¤¿à¤¤ नहीं है उसका दरà¥à¤¶à¤¨ कराता है,
विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ सà¤à¥€ के लिठआà¤à¤– है और जिसके पास ये नहीं है वो अà¤à¤§à¤¾ है | )
पदारà¥à¤¥ à¤à¤µà¤‚ उसके अंगà¤à¥‚त ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ और पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ के बीच होने वाले रोचक परसà¥à¤ªà¤° कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं के कारण ही हमारा बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤£à¥à¤¡ à¤à¤• मनोरम दृशà¥à¤¯ उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करता है, परनà¥à¤¤à¥ हमारी चकà¥à¤·à¥à¤“ं की सीमाà¤à¤ हमें पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤¶ की केवल à¤à¤• छोटा सा हिसà¥à¤¸à¤¾ देखने की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ देती हैं, जिसे हम दृशà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤¾à¤— कहते हैं और ये दृशà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤¾à¤—, à¤à¤•à¥à¤¸-रे, माइकà¥à¤°à¥‹à¤µà¥‡à¤µ, रेडियोवेव इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ को समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ कर à¤à¤• बड़े परिवार का हिसà¥à¤¸à¤¾ है जिसे विदà¥à¤¯à¥à¤¤ चà¥à¤®à¥à¤¬à¤•à¥€à¤¯ वरà¥à¤£à¤•à¥à¤°à¤® (इलेकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹ मैगà¥à¤¨à¥‡à¤Ÿà¤¿à¤• सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¤®)  कहा जाता है। यह वरà¥à¤£à¤•à¥à¤°à¤® à¤à¤• इंदà¥à¤°à¤§à¤¨à¥à¤· के समान है जिसमे अनंत रंगो का समावेश है और जिसका रहसà¥à¤¯à¥‹à¤˜à¤¾à¤Ÿà¤¨ हम पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· रूप से अपने नयनों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ नहीं कर सकते हैं। पदारà¥à¤¥ à¤à¤µà¤‚ उसके अंगà¤à¥‚त ततà¥à¤µ किस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° विदà¥à¤¯à¥à¤¤ चà¥à¤®à¥à¤¬à¤•à¥€à¤¯ वरà¥à¤£à¤•à¥à¤°à¤® के साथ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ करते हैं यही वरà¥à¤£à¤•à¥à¤°à¤®à¤®à¤¾à¤ªà¥€ (सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€) के मूल सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों का आधार है। बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤£à¥à¤¡ का विसà¥à¤¤à¤¾à¤° किस रफ़à¥à¤¤à¤¾à¤° से हो रहा है या हमारे शरीर को बनाने वाली अविशà¥à¤µà¤¸à¤¨à¥€à¤¯ रूप से छोटे अणॠऔर परमाणॠकैसे दी iखते हैं जैसे आधà¥à¤¨à¤¿à¤• विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ की हर पà¥à¤°à¤—ति में, पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· या परोकà¥à¤· रूप से, सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ की à¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¥‚मिका है। इस परिपà¥à¤°à¥‡à¤•à¥à¤·à¥à¤¯ में हमे ये विदित हैं कि हमारी तà¥à¤µà¤šà¤¾ के à¤à¤• सूकà¥à¤·à¥à¤® टà¥à¤•à¥œà¥‡ में हज़ारों कोशिकाà¤à¤ होती हैं जिनमे पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨, कारà¥à¤¬à¥‹à¤¹à¤¾à¤‡à¤¡à¥à¤°à¥‡à¤Ÿ, वसा, नà¥à¤¯à¥‚कà¥à¤²à¤¿à¤• à¤à¤¸à¤¿à¤¡ के लाखों अणॠहोते हैं। ये ‘जैविक अणà¥à¤“ं’ अथवा उपापचय की पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤«à¤² à¤à¤• संघटित रूप में छह मूल ततà¥à¤µà¥‹à¤‚; कारà¥à¤¬à¤¨, नाइटà¥à¤°à¥‹à¤œà¤¨, हाइडà¥à¤°à¥‹à¤œà¤¨, ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨, फासà¥à¤«à¥‹à¤°à¤¸ और सलà¥à¤«à¤° से बने होते हैं।
नाà¤à¤¿à¤•à¥€à¤¯ चà¥à¤‚बकीय अनà¥à¤¨à¤¾à¤¦ वरà¥à¤£à¤•à¥à¤°à¤®à¤®à¤¾à¤ªà¥€ या à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ à¤à¤• अतà¥à¤¯à¤¾à¤§à¥à¤¨à¤¿à¤• तकनीक है जिसका पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— कोशिकाओं के à¤à¥€à¤¤à¤° चल रही जटिल कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करने के लिठकिया जाता है। à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ का आरंà¤à¤¿à¤• विकास ४० के दशक में परमाणà¥à¤“ं के चà¥à¤‚बकीय गà¥à¤£à¥‹à¤‚ में जानकारी हासिल करने के लिठà¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• शासà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया गया था। ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ बहà¥à¤¤ तेजी से विकसित होकर à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤•à¤µà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚, रसायनशासà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, à¤à¥‚वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚, जीववैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚, और चिकितà¥à¤¸à¤•à¥‹à¤‚ के लिठà¤à¤• अनिवारà¥à¤¯ तकनीक बन गयी।
à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में आयी तकनीकी पà¥à¤°à¤—ति, इसके महतà¥à¤µà¤•à¤¾à¤°à¥€ उपयोग और सरà¥à¤µà¤µà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥€ पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की पà¥à¤·à¥à¤Ÿà¤¿ इस बात से होती है कि à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤•à¥€, रसायन विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ और शरीर-विजà¥à¤žà¤¾à¤¨/चिकितà¥à¤¸à¤¾ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ के पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करने वाले बारह वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ को नोबेल पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤° से पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•à¥ƒà¤¤ किया गया है।  हाल के वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में, à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ ने अनेकों महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ à¤à¤µà¤‚ जटिल अनà¥à¤¸à¤‚धानों में अà¤à¥‚तपूरà¥à¤µ सफलताà¤à¤ हासिल की हैं जो पहले काफी दà¥à¤·à¥à¤•à¤° सिदà¥à¤§ हà¥à¤ˆà¤‚ थी जैसे की à¤à¤• जीवित कोशिका के अंदर पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ की परमाणॠसंकलà¥à¤ª संरचना बताना, मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• का कारà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• छायांकन, जैव-दà¥à¤°à¤µ पदारà¥à¤¥ (मूतà¥à¤°, रकà¥à¤¤à¥‹à¤¦, लार आदि का उपयोग करते हà¥à¤) में बीमारी के जैव-चिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ (बायोमारà¥à¤•à¤°) की पहचान, तेल की खोज, विसà¥à¤«à¥‹à¤Ÿà¤•à¥‹à¤‚ का पता लगाने, शराब की गà¥à¤£à¤µà¤¤à¥à¤¤à¤¾ नियंतà¥à¤°à¤£ इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ कà¥à¤› उदहारण हैं।
à¤à¤¨.à¤à¤®.आर सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ परमाणॠनाà¤à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ का उपयोग करता है जो यूठतो अनियमित तरीके से चकà¥à¤°à¤£ (सà¥à¤ªà¤¿à¤¨) करते हैं परनà¥à¤¤à¥ अति-पà¥à¤°à¤šà¤£à¥à¤¡ चà¥à¤‚बकीय कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° (पृथà¥à¤µà¥€ के चà¥à¤‚बकीय कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° से लाख गà¥à¤¨à¤¾ अधिक शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ !) की उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में खà¥à¤¦ को नियमित कर à¤à¤• ही दिशा में निरपेकà¥à¤·à¤¿à¤¤ हो जाते हैं।
इन चà¥à¤®à¥à¤¬à¤•à¥€à¤¯ परमाणà¥à¤“ं को अतितीवà¥à¤° रेडियो तरंगों (मोबाइल संचार में इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² होने वाली किरणों के समान) से विकिरणित किया जाता है और उनके बीच हो रही परसà¥à¤ªà¤° पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ को मापा जाता है। इस पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के माप से परमाणॠनाà¤à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ को आस-पास के वातावरण किस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ कर रहे हैं उसका पता चलता है। उधारणतः à¤à¤• कारà¥à¤¬à¤¨ नाà¤à¤¿à¤• अगर ऑकà¥à¤¸à¥€à¤œà¤¨ से अथवा हाइडà¥à¤°à¥‹à¤œà¤¨ से जà¥à¥œà¤¾ हो तो वो दोनों सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के लिठअलग-अलग पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ करेगा। परमाणॠवातावरण में आये हर परिवरà¥à¤¤à¤¨ के कारण विशेष à¤à¤¨.à¤à¤®.आर संकेत पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होते हैं। जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• à¤à¤«.à¤à¤®. रेडियो सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¶à¤¨ की अपनी आवृतà¥à¤¤à¤¿ पटà¥à¤Ÿ होती है (जैसे की ९८.३  मेगाहरà¥à¤Ÿà¥à¤œà¤¼, ९३.५ मेगाहरà¥à¤Ÿà¥à¤œ इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿) उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ परमाणॠनाà¤à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ की अपनी अनूठी रेडियो आवृतà¥à¤¤à¤¿ होती है जिसे “अनà¥à¤¨à¤¾à¤¦ आवृतà¥à¤¤à¤¿â€ (रेजोनेंस फà¥à¤°à¥€à¤•à¥à¤µà¥‡à¤‚सी)  कहते हैं। पृथà¥à¤µà¥€ की चà¥à¤‚बकीय कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° (०.२५-०.६५ माईकà¥à¤°à¥‹ टेसला) से लगà¤à¤— २ करोड़ गà¥à¤¨à¤¾ अधिक शकà¥à¤¤à¤¿à¤¶à¤¾à¤²à¥€ चà¥à¤‚बकीय कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° (११.à¥à¥ª टेसला) में हाइडà¥à¤°à¥‹à¤œà¤¨ परमाणॠकी अनà¥à¤¨à¤¾à¤¦ आवृतà¥à¤¤à¤¿ ५०० मेगाहरà¥à¤Ÿà¥à¤œ होती है जबकि कारà¥à¤¬à¤¨-१३ (कारà¥à¤¬à¤¨ का à¤à¤• समसà¥à¤¥à¤¾à¤¨à¤¿à¤• (आइसोटोप)) १२५ मेगाहरà¥à¤Ÿà¥à¤œ और नाइटà¥à¤°à¥‹à¤œà¤¨-१५ ५० मेगाहरà¥à¤Ÿà¥à¤œ पर अनà¥à¤¨à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ होता है।
बाहरी पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ की उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में अनà¥à¤¨à¤¾à¤¦ आवृतà¥à¤¤à¤¿ में परिवरà¥à¤¤à¤¨ आता है जिनका माप मेगाहरà¥à¤Ÿà¥à¤œ (१,०००००० हरà¥à¤Ÿà¥à¤œ) में न होकर अपितॠहरà¥à¤Ÿà¥à¤œ में होता हैं। ये अति सूकà¥à¤·à¥à¤® परिवरà¥à¤¤à¤¨ à¤à¥€ माप योगà¥à¤¯ है। आवृतà¥à¤¤à¤¿ में आठइन छोटे परिवरà¥à¤¤à¤¨ को ‘केमिकल शिफà¥à¤Ÿâ€™ कहते है जिसके खोज सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® पà¥à¤°à¥‹. à¤à¤¸. à¤à¤¸. धरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤¤à¥€ ने की (पà¥à¤°à¥‹. धरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤¤à¥€ ने बाद में à¤à¤¾à¤°à¤¤ में सबसे पहले टी.आई.à¤à¤«.आर., बमà¥à¤¬à¤ˆ में à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. अनà¥à¤¸à¤‚धान पà¥à¤°à¤¾à¤°à¤‚ठकिया)।
जब तक à¤à¤• परमाणॠका वातावरण सà¥à¤¥à¤¿à¤° बना रहता है तब तक उसका केमिकल शिफà¥à¤Ÿ à¤à¥€ अपरिवरà¥à¤¤à¤¿à¤¤ रहता है। वातावरण में आया à¤à¤• मामूली सा विचलन à¤à¥€ केमिकल शिफà¥à¤Ÿ में परिवरà¥à¤¤à¤¨ लाने के लिठपरà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है। परमाणॠनाà¤à¤¿à¤• अलग वातावरण में रेडियो आवृति सà¥à¤ªà¤‚द (पलà¥à¤¸) के साथ अलग पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ देते हैं और वे अपने पड़ोसी परमाणॠनाà¤à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ के साथ परसà¥à¤ªà¤° संवाद करने लगते हैं। निकटवरà¥à¤¤à¥€ परमाणà¥à¤“ं के बीच हो रहे परसà¥à¤ªà¤° संवाद और उससे उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ à¤à¤¨.à¤à¤®.आर संकेतों से अणà¥à¤“ं जैसे कि पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨, कारà¥à¤¬à¥‹à¤¹à¤¾à¤‡à¤¡à¥à¤°à¥‡à¤Ÿ, नà¥à¤¯à¥‚कà¥à¤²à¤¿à¤• à¤à¤¸à¤¿à¤¡ के तà¥à¤°à¤¿-आयामी संरचना का पता चलता है। तà¥à¤°à¤¿-आयामी संरचना बताने वाली इस तकनीक को नाà¤à¤¿à¤•à¥€à¤¯ ओवरहाउसेर वृदà¥à¤§à¤¿à¤¤ सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ या नोइज़ी (NOESY) कहते हैं जिसका सरà¥à¤µà¤ªà¥à¤°à¤¥à¤® मापन पà¥à¤°à¥‹. अनिल कà¥à¤®à¤¾à¤° दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया गया था जो वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में आई.आई.à¤à¤¸à¤¸à¥€., बंगलौर में कारà¥à¤¯à¤°à¤¤ हैं। इस विकास ने न ही वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ को सिरà¥à¤« कोशिकाओं के अंदर उनके पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• वातावरण में अणà¥à¤“ं के परमाणॠसंकलà¥à¤ª तà¥à¤°à¤¿-आयामी संरचना का पता लगाने में मदद की अपितॠउन अणà¥à¤“ं के à¤à¥€à¤¤à¤° गतिकी और अनà¥à¤¯ अणà¥à¤“ं के साथ संबंधों का अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ करने में à¤à¥€ सहायता पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की है। यूठतो à¤à¤¨.à¤à¤®.आर सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ अपने बड़े à¤à¤¾à¤ˆ à¤à¤•à¥à¤¸-रे सà¥à¤«à¤Ÿà¤¿à¤• विधा (कà¥à¤°à¤¿à¤¸à¥à¤Ÿà¤²à¥‹à¤—à¥à¤°à¤¾à¤«à¥€) से लगà¤à¤— आधी सदी छोटी है फिर à¤à¥€ पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ डाटा बैंक (पी.डी.बी., http://www.rcsb.org) में जमा नà¥à¤¯à¥‚कà¥à¤²à¤¿à¤• à¤à¤¸à¤¿à¤¡ संरचनाओं में इसका योगदान ४०% और पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ संरचनाओं में १२% है। २००९ में पहली बार किसी जीवित कोशिका के à¤à¥€à¤¤à¤° à¤à¤• पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ की आणविक संरचना का पता à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ लगाया गया।  आज à¤à¥€ à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° à¤à¤¸à¥€ तकनीक है जिससे जीवित कोशिका के अंदर पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ अथवा नà¥à¤•à¥à¤²à¤¿à¤• à¤à¤¸à¤¿à¤¡ के आणविक संरचना का पता लगाया जा सकता है।
आप ये सोच सकते हैं कि ठोस सà¥à¤¤à¤° में इसका कà¥à¤¯à¤¾ उपयोग हो सकता है। à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ ये बता सकती है कि à¤à¤• विशेष पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ मलेरिया रोधी या तपेदिक दवा के लिठà¤à¤• संà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ चिकितà¥à¤¸à¥€à¤¯ लकà¥à¤·à¥à¤¯ हो सकता है या नहीं, रकà¥à¤¤ में कारà¥à¤¬à¥‹à¤¹à¤¾à¤‡à¤¡à¥à¤°à¥‡à¤Ÿ का असामानà¥à¤¯ सà¥à¤¤à¤° à¤à¤• संà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ खतरनाक टà¥à¤¯à¥‚मर की मौजूदगी के निशान हैं या नहीं अथवा न समà¤à¤¨à¥‡ में आने वाली रोगà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में शरीर के à¤à¥€à¤¤à¤° के हज़ारों पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ में से कौन अपनी सही à¤à¥‚मिका पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¤ नहीं कर रहा है। à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ à¤à¤¸à¥‡ यौगिकों के पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥‚प बनाने या फिर उनके अनà¥à¤µà¥€à¤•à¥à¤·à¤£ करने में अपरिहारà¥à¤¯ à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤¤à¤¾ है। इसके अलावा, कई दवाओं की कारà¥à¤°à¤µà¤¾à¤ˆ के तरीके के खोज में à¤à¥€ à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ अतà¥à¤¯à¤‚त उपयोगी साबित हà¥à¤† है। उदाहरण के लिà¤, २०१० में सिंगापà¥à¤° में वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤•à¥‹à¤‚ ने ये पता लगाया कि ‘टैकà¥à¤°à¥‰à¤²à¥€à¤®à¤¸â€™ या ‘à¤à¤«.के. ५०६’ नामक दवा जिसका पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— अंग पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤¾à¤°à¥‹à¤ªà¤£ के लिठकिया जाता है वो मलेरिया के ईलाज के लिठà¤à¥€ उपयोगी सिदà¥à¤§ हो सकता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤®à¥‹à¤¡à¤¿à¤¯à¤® परजीवी की कोशिका की सतह पर पाये जाने वाले à¤à¤• गà¥à¤°à¤¹à¥€à¤¤à¤¾ पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ ‘à¤à¤«. के. बी. पी. ३५’ से बाधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥€ समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ बनाकर उसे मारता है। à¤à¤¸à¤¾ पà¥à¤²à¤¾à¤¸à¤®à¥‹à¤¡à¤¿à¤¯à¤® के ‘à¤à¤«. के. बि. पी. ३५’ पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ के आणविक संरचना, टैकà¥à¤°à¥‰à¤²à¥€à¤®à¤¸â€™ के साथ और उसके बगैर की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ की जानकारी के पशà¥à¤šà¤¾à¤¤ ही हà¥à¤†à¥¤ दोनों सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की आणविक संरचना à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ही पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हà¥à¤ˆà¥¤
दवाओं की खोज में à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ का सबसे अचà¥à¤›à¤¾ उपयोग मानव सरà¥à¤µà¤¾à¤ˆà¤µà¤¿à¤¨ पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ के मामले में है। यह पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ कैंसर चिकितà¥à¤¸à¤¾ के लिठà¤à¤• आकरà¥à¤·à¤• लकà¥à¤·à¥à¤¯ है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि सरà¥à¤µà¤¾à¤ˆà¤µà¤¿à¤¨ पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ अपने निषà¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯ रूप में कैंसर की अनशà¥à¤µà¤° कोशिकाओं को à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• ढंग से नषà¥à¤Ÿ करता है। हाल ही में à¤à¤¬à¤Ÿ लैबोरेटà¥à¤°à¥€à¤œ ने बहà¥à¤¤ सारे पेपà¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤¡à¥à¤¸ (पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ के छोटे टà¥à¤•à¤¡à¤¼à¥‡) की छानबीन की है जिससे उस सरà¥à¤µà¤¶à¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ पेपà¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤¡ का पता चल सके जो सरà¥à¤µà¤¾à¤ˆà¤µà¤¿à¤¨ पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ को पूरà¥à¤£à¤¤à¤ƒ निषà¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯ बना सके। इसके लिठसबसे पहले à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सरà¥à¤µà¤¾à¤ˆà¤µà¤¿à¤¨ पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ की तà¥à¤°à¤¿à¤†à¤¯à¤¾à¤®à¥€ संरचना का पता लगाया गया। सरà¥à¤µà¤¾à¤ˆà¤µà¤¿à¤¨ पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ की संरचना से ये सà¥à¤°à¤¾à¤— मिला कि संà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ दवाà¤à¤‚ (पेपà¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤¡ टà¥à¤•à¤¡à¤¼à¥‡) सरà¥à¤µà¤¾à¤ˆà¤µà¤¿à¤¨ की किस हिसà¥à¤¸à¥‡ पे अपने को आबदà¥à¤§ कर सकती है। उन बाधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥€ ठिकानो पे सà¥à¤¥à¤¿à¤¤ अमीनो à¤à¤¸à¤¿à¤¡ परिशिषà¥à¤Ÿ के केमिकल शिफà¥à¤Ÿ में तब परिवरà¥à¤¤à¤¨ आà¤à¤—ा जब वे पेपà¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤¡à¤“ं से आबदà¥à¤§ होंगे। आबदà¥à¤§ न होने की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में उनके केमिकल शिफà¥à¤Ÿ अचल रहेंगे। इस परिकà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ से सरà¥à¤µà¤¾à¤ˆà¤µà¤¿à¤¨ पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ से दृढ़ आबदà¥à¤§  होने वाले पेपà¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤¡à¤“ं का अति तà¥à¤°à¤¿à¤µà¤¤à¤¾ से चयन करने में मदद मिलती है और वे पेपà¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤¡ ही संà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ कैंसर रोधी दवाओं के रूप में कारà¥à¤¯ कर सकते हैं। इस दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤•à¥‹à¤£ का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— हाल के दिनों में कई दवाओं को रूप-रेखा बनाने में इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया गया है और इस पà¥à¤°à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ को टà¥à¤•à¥œà¥‹ पे आधारित दवा की खोज या ‘फà¥à¤°à¥‡à¤—मेंट बेसà¥à¤¡ डà¥à¤°à¤— डिसà¥à¤•à¤µà¤°à¥€â€™ (à¤à¤«. बी. दी. दी.) कहते हैं।
सरà¥à¤µà¤¾à¤ˆà¤µà¤¿à¤¨ पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ मामला à¤à¤• दिलचसà¥à¤ª उदहारण है जिसमे यह पता चलता है की जैविक परसà¥à¤ªà¤° कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ के मूल अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ से किस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° दवाओं के संà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ आबदà¥à¤§ पà¥à¤°à¤£à¤¾à¤²à¥€ की अंतरà¥à¤¦à¥ƒà¤·à¥à¤Ÿà¤¿ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती है। à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ सरà¥à¤µà¤¾à¤ˆà¤µà¤¿à¤¨ पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ की आणविक संरचना से ये पता चला कि अपने कारà¥à¤¯à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ में उसके के दो अणॠà¤à¤• जोड़ी के रूप में मौजूद रहते है और उसकी संरचना à¤à¤• धनà¥à¤· और à¤à¤• टाई के आकार के समान पà¥à¤°à¤¤à¥€à¤¤ होती है। सामानà¥à¤¯ परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के अंतरà¥à¤—त सरà¥à¤µà¤¾à¤ˆà¤µà¤¿à¤¨ पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ कोशिकाओं के à¤à¥€à¤¤à¤° सà¥à¤®à¥ˆà¤• नामक à¤à¤• पेपà¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤¡ के साथ आबदà¥à¤§ होती है। सरà¥à¤µà¤¾à¤ˆà¤µà¤¿à¤¨ पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ में कौन से अमीनो à¤à¤¸à¤¿à¤¡ परिशिषà¥à¤Ÿ सà¥à¤®à¥ˆà¤• से समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ बनाने में विशेष à¤à¥‚मिका निà¤à¤¾à¤¤à¥‡ है इसका पता उनके केमिकल शिफà¥à¤Ÿ में आने वाले परिवरà¥à¤¤à¤¨à¥‹à¤‚ का पता लगा के किया जाता है जब वे सà¥à¤®à¥ˆà¤• पेपà¥à¤Ÿà¤¾à¤‡à¤¡ से आबदà¥à¤§ हों। इसके निरà¥à¤§à¤¾à¤°à¤£ हेतॠà¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ का ही पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया जाता है। इससे हम ये निषà¥à¤•à¤°à¥à¤· निकाल सकते हैं कि जिन अमीनो à¤à¤¸à¤¿à¤¡ परिशिषà¥à¤Ÿà¥‹à¤‚ के केमिकल शिफà¥à¤Ÿ में अधिक परिवरà¥à¤¤à¤¨ आता है वो ही सरà¥à¤µà¤¾à¤ˆà¤µà¤¿à¤¨ पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ के बाधà¥à¤¯à¤•à¤¾à¤°à¥€ सतह का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करते हैं।
जिस तरह à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ दवाओं की खोज के लिठअतà¥à¤¯à¤‚त महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ साबित हà¥à¤† है उसी पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° हाल के वरà¥à¤·à¥‹à¤‚ में इसने मेटाबोलोमिकà¥à¤¸ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में à¤à¥€ अपना लोहा साबित किया  है। शरीर के à¤à¥€à¤¤à¤° के जैव तरल à¤à¤µà¤‚ ठोस पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ (मूतà¥à¤°, रकà¥à¤¤à¥‹à¤¦, लार कोशिका, उतà¥à¤¤à¤• आदि) में पाये जाने वाले छोटे-छोटे अणà¥à¤“ं का तेजी से और सही पता लगाने वाली विधा को मेटाबोलोमिकà¥à¤¸ कहते हैं। इस तरह के छोटे अणà¥à¤“ं का वजन आमतौर पर à¤à¤• ही हाइडà¥à¤°à¥‹à¤œà¤¨ परमाणॠ(बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤‚ड में सबसे छोटी परमाणà¥) से लगà¤à¤— १५०० गà¥à¤¨à¤¾ ही होता है ! इसके विपरीत, औसत पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ हाइडà¥à¤°à¥‹à¤œà¤¨ की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में लगà¤à¤— ३०,०००-१००,००० गà¥à¤¨à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¥€ होती है! इसका पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— शारीरिक या रोग उतà¥à¤¤à¥‡à¤œà¤¨à¤¾à¤“ं के कारण शरीर में होने वाली गतिशील जैव रासायनिक पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤“ं के मातà¥à¤°à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤• मापन के लिठकिया जाता है। मेटाबोलोमिकà¥à¤¸ का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² विविध कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में होता है जैसे कि रोग-तंतà¥à¤° की जानकारी, रोग निदान / विकृतियों का पता लगाने में, पोषण हसà¥à¤¤à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ª करने में और दवा विषाकà¥à¤¤à¤¤à¤¾ की जाà¤à¤š में। चयापचयों (मेटाबॉलीटेस) की रूपरेखा की जानकारी रोग पà¥à¤°à¤—ति और दवाओं के हसà¥à¤¤à¤•à¥à¤·à¥‡à¤ª के जैव-चिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ (बायोमारà¥à¤•à¤°à¥‹à¤‚) की पहचान करने में तेजी से महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ हो गयी है और ये अतिरिक जानकारी पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है जो जीनोमिक और पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¤¿à¤“मिक तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की वà¥à¤¯à¤¾à¤–à¥à¤¯à¤¾ या समरà¥à¤¥à¤¨ करने में सहायता करता है।
मेटाबोलोमिकà¥à¤¸ में पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— आने वाले अनà¥à¤¯ तकनीकों के मà¥à¤•à¤¾à¤¬à¤²à¥‡ à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾ जनक और लाà¤à¤•à¤¾à¤°à¥€ है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ये à¤à¤• मातà¥à¤°à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤•, गैर-विधà¥à¤µà¤‚शकारी, शरीर के साथ न छेड़-छाड़ करने वाली और न संतà¥à¤²à¤¨ बिगाड़ने वाली तकनीक है जिससे चयापचयों की आणविक संरचना के बारे में विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ जानकारी का पता उसके à¤à¥€à¤¤à¤° हो रहे अंतर परमाणॠसमà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§à¥‹à¤‚ के कारण चलता है। इसका पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— चयापचयों की आणविक गतिकी और चलिषà¥à¤£à¥à¤¤à¤¾ (जैसे पà¥à¤°à¥‹à¤Ÿà¥€à¤¨ और छोटे अणà¥à¤“ं के बनà¥à¤§à¤¨) का पता लगाने के लिठइसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया जा सकता है। यह उचà¥à¤š शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ की à¤à¤• मजबूत और विशà¥à¤µà¤¸à¤¨à¥€à¤¯ तकनीक है जिसका अनà¥à¤ªà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— मेटाबोलोमिकà¥à¤¸ के लिठकिया जाता है जहाठपà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ का होना अनिवारà¥à¤¯ है। इसके पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— से à¤à¤• साथ संरचनातà¥à¤®à¤• रूप से विविध चयापचयों की जानकारी पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ की जा सकती है और à¤à¤• नियत समय बिंदॠपर चयापचय (मेटाबोलाइट) का आशà¥à¤šà¤¿à¤¤à¥à¤° पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ करता है। मायकà¥à¤°à¥‹-मोलर सांदà¥à¤°à¤¤à¤¾ तक मेटाबोलाइट की पहचान à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ की जा सकती है। Â
à¤à¤• अनà¥à¤¯ उदाहरण में २००६ में किठगठà¤à¤• शोध में à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ के सहयोग से ये दिखाया गया कि अगà¥à¤¨à¥à¤¯à¤¾à¤¶à¤¯ (इंसà¥à¤²à¤¿à¤¨ बनाने वाला अंग) के à¤à¤• पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के कैंसर के रोगियों के रकà¥à¤¤ में à¤à¤• विशेष पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की वसा फोसà¥à¤«à¥‹à¤Ÿà¤¿à¤¡à¤¾à¤¯à¤² à¤à¤¨à¥‹à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥‹à¤² सामानà¥à¤¯ से काफी कम होती है। इस मेटाबोलोमिकà¥à¤¸ अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ के लिठकैंसर रोगियों के रकà¥à¤¤ का उपयोग किया गया था। à¤à¤• सामानà¥à¤¯, सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में कैंसर रोगियों के रकà¥à¤¤ में फोसà¥à¤«à¥‹à¤Ÿà¤¿à¤¡à¤¾à¤¯à¤² à¤à¤¨à¥‹à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥‹à¤² के हाइडà¥à¤°à¥‹à¤œà¤¨ परमाणà¥à¤“ं के à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. चिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ की तीवà¥à¤°à¤¤à¤¾ काफी कम पायी गयी हालांकि उनके केमिकल शिफà¥à¤Ÿ में कोई परिवरà¥à¤¤à¤¨ नहीं दिखा। इस खोज का ये महतà¥à¤µ है कि चिकितà¥à¤¸à¤•-गण उन वà¥à¤¯à¤•à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के रकà¥à¤¤ में फोसà¥à¤«à¥‹à¤Ÿà¤¿à¤¡à¤¾à¤¯à¤² à¤à¤¨à¥‹à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥‹à¤² के सà¥à¤¤à¤° की निगरानी रख सकते हैं जो कैंसर उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ करने वाले रसायनों के साथ काम करते हैं अथवा जिनके परिवार में अगà¥à¤¨à¤¾à¤¶à¤¯ के कैंसर का इतिहास रहा है। इसके पहले कि कैंसर à¤à¤• अधिक खतरनाक सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ की ओर अगà¥à¤°à¤¸à¤° हो उसके पहले ही उसकी चिकितà¥à¤¸à¤¾ तेजी के साथ संà¤à¤µ है। à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ शोध के कारण ही वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ चिकितà¥à¤¸à¤¾ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ में फोसà¥à¤«à¥‹à¤Ÿà¤¿à¤¡à¤¾à¤¯à¤² à¤à¤¨à¥‹à¤¸à¤¿à¤Ÿà¥‹à¤² को अगà¥à¤¨à¤¾à¤¶à¤¯ के कैंसर का à¤à¤• मà¥à¤–à¥à¤¯ जैव-चिनà¥à¤¹ (बायोमारà¥à¤•à¤°) माना जाता है। Â
सामानà¥à¤¯ जैव-दà¥à¤°à¤µà¥‹à¤‚ के अलावा, जैव-चिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ (बायोमारà¥à¤•à¤°à¥‹à¤‚) का पता लगाने के लिठआजकल मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤•à¤®à¥‡à¤°à¥ दà¥à¤°à¤µ या सी.à¤à¤¸.à¤à¤«. का à¤à¥€ परीकà¥à¤·à¤£ किया जा रहा है। मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤•à¤®à¥‡à¤°à¥ (सी.à¤à¤¸.à¤à¤«.) à¤à¤• पौषà¥à¤Ÿà¤¿à¤• दà¥à¤°à¤µ है जो हमारे मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• और रीढ़ की हडà¥à¤¡à¥€ के अंदर पाया जाता है। तपेदिक के कà¥à¤› मामलों में, मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤• के बाहरी आवरण (जिसे मेनिनजेस कहते हैं) में सूजन आ जाती है जिसका जलà¥à¤¦à¥€ पता ना लगाया तो हालत घातक बन सकती है। इस अवसà¥à¤¥à¤¾ को दिमागी बà¥à¤–ार या मैनिंजाइटिस कहते हैं। à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ आधारित जैव-चिनà¥à¤¹ (बायोमारà¥à¤•à¤°) की खोज से पता चला है किस बीमारी की अवसà¥à¤¥à¤¾ में मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤•à¤®à¥‡à¤°à¥ दà¥à¤°à¤µ (सी.à¤à¤¸.à¤à¤«.) में à¤à¤• विशेष पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के रासायनिक पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤°à¥à¤¥ पाये जाते हैं जिसे सायकà¥à¤²à¥‹à¤ªà¥à¤°à¥‹à¤ªà¥‡à¤¨ (तीन कारà¥à¤¬à¤¨ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ निरà¥à¤®à¤¿à¤¤ à¤à¤• तà¥à¤°à¤¿à¤•à¥‹à¤£à¥€à¤¯ संरचना) कहते हैं। इसी तरह à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ आधारित मेटाबोलोमिकà¥à¤¸ से तंतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾ तंतà¥à¤° को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ अनà¥à¤¯ बीमारियों लिठà¤à¥€ जैव-चिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ (बायोमारà¥à¤•à¤°à¥‹à¤‚) की खोज हà¥à¤ˆ है। इनमे अलà¥à¤œà¤¾à¤‡à¤®à¤° रोग, हंटिंगà¥à¤Ÿà¤¨ रोग, जीवाणॠसंबंधी (बैकà¥à¤Ÿà¥€à¤°à¤¿à¤¯à¤²) और विषाणॠसंबंधी (वायरल) मैनिंजाइटिस शामिल हैं। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— हो रहे जà¥à¤žà¤¾à¤¤ दवाओं में ८९% छोटे अणॠहैं। इसी कारणवश जैव-चिनà¥à¤¹ (बायोमारà¥à¤•à¤°) की खोज का चिकितà¥à¤¸à¥€à¤¯ कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ में बहà¥à¤®à¥‚लà¥à¤¯ योगदान है। ये जैव-चिनà¥à¤¹ (बायोमारà¥à¤•à¤°) आज के कई अपराजेय रोगों की विरà¥à¤¦à¥à¤§ अचूक हथियार सिदà¥à¤§ होने की कà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ रखते हैं। खोज किये गठजैव-चिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ (बायोमारà¥à¤•à¤°à¥‹à¤‚) में से à¤à¤• छोटा सा पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ à¤à¥€ अगर नैदानिक परीकà¥à¤·à¤£ को सफलता पूरà¥à¤µà¤• पास कर लेता है और दवाओं के रूप में बाजार में आ जाता है तो ये चिकितà¥à¤¸à¤¾ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में à¤à¤• बड़ी उपलबà¥à¤§à¤¿ होगी।
पिछले कà¥à¤› दशकों में à¤à¤¨.à¤à¤®.आर. सà¥à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¸à¥à¤•à¥‹à¤ªà¥€ और अनà¥à¤¯ तकनीकों ने कोशिका के अंदर और बाहर बड़े अणà¥à¤“ं के वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° के विषय में विशिषà¥à¤Ÿ जानकारी पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की है। à¤à¤• कोशिका के विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ हिसà¥à¤¸à¥‹à¤‚ और अणà¥à¤“ं के बीच चल रहे रोचक à¤à¤µà¤‚ लयबदà¥à¤§ सामनà¥à¤œà¤¸à¥à¤¯ और संतà¥à¤²à¤¨ की जानकारी हमें इन तकनीकों के कारण ही पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होती है। बà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤¦à¥€ विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ के कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में हो रहे तेजी से विकास के कारण कोशिकाओं के हर घटक और अणà¥à¤“ं की à¤à¥‚मिका की à¤à¤• साफ तसà¥à¤µà¥€à¤° हमे दिखती है। यह जà¥à¤žà¤¾à¤¨ नठदौर के दवाइयों के खोज के लिठà¤à¤• महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ कदम है जिससे बीमारियों का मà¥à¤•à¤¾à¤¬à¤²à¤¾ à¤à¤• बेहद लकà¥à¤·à¤¿à¤¤ तरीके से किया जा सकता है। चाहे वो चमतà¥à¤•à¤¾à¤°à¥€ दवाà¤à¤ हों, या निदान किट हो, या फिर टीके या उपचारों की बात हो, अब हमारे पास वे दà¥à¤°à¥à¤œà¥‡à¤¯ शसà¥à¤¤à¥à¤°à¤¾à¤—ार है जो विगत दशकों में नहीं थे। इसी कारण अब हम अपने लिठऔर अधिक सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कर सकते हैं।